Ankit Raj

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आई आई आई होली आई रे 18-Mar-2022

आई आई आई आई होली आई रे




गाँव-शहर में झूम रहे हैं

रंग बिरंग से रंगे हुए है 

हुआ है रंगीला बोली रे

आई आई आई आई होली आई रे



गाल पे गुलाल लगा, 

मारी जो पिचकारी 

मोरे तन को भिंगाई रे

आई आई आई............. 



रंग गुलाल साथ लाओ

आओ झूमों, नाचो, गाओ

आज खुशीयाँ छाई रे

आई आई आई..............



तन पे रंग लगी है

मन रंगीला हुई है

चेहरे पर गुलाल लगाई रे

आई आई आई.............. 



श्याम संग राधा भी खेल 

गोपियन भी साथ में डोले

ब्रज में भी होली छाई रे

आई आई आई................ 



भेदभाव को मिटा के

मस्ती मे सब झूम रहे है

खा के भांग की गोली रे

आई आई आई............... 



सारे दुःख चिंता को भूल

हुए सब के मिठी बोल

मुख पे मुस्कान छाई रे

आई आई आई..............



                      ✍अंकित राज

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16 Comments

Nigam Kumar

08-May-2022 06:43 AM

Very very nice

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Bittu Raj

07-May-2022 03:34 PM

Nice poem 👌👌👌

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Seema Priyadarshini sahay

22-Mar-2022 12:47 AM

बहुत खूबसूरत

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Ankit Raj

22-Mar-2022 07:03 AM

Thank you

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